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एक बक्सा है। उस बक्से के अंदर अनमोल चीज रखी है और बक्से में ताला लगा है।
पहले आप यह बात समझ लें कि यह बक्सा कौन सा बक्सा है ? मैं किस बक्से की बात कर रहा हूँ ? यह साधारण बक्सा नहीं है। जिस बक्से की मैं बात कर रहा हूँ, वह है – यह मनुष्य शरीर और इस मनुष्य शरीर में कुछ रखा हुआ है।
बाहर से एक बक्सा ऐसा है, जो साधारण है। एक बक्सा है, जो चांदी से जड़ा हुआ है। एक बक्सा है, जो सोने से जड़ा हुआ है। एक बक्सा है, जिसमें कारीगरों ने तरह-तरह का काम किया है। एक बक्सा है, जिसमें किसी ने काम नहीं किया है, कच्ची लकड़ी का बना हुआ है। कोई बात नहीं। बक्से के बाहर जो कुछ है, मैं उसकी बात नहीं कर रहा हूँ। मैं उस चीज की बात कर रहा हूँ, जो इस बक्से के अंदर है।
इस मनुष्य रूपी बक्से के बारे में भी समझ लीजिये कि इस बक्से के कुछ नियम हैं। यह बक्सा भी प्रकृति के नियमों में बंधा हुआ है। एक दिन यह बक्सा बना और एक दिन यह बक्सा नहीं रहेगा। जबतक यह बक्सा है, तबतक इसके अंदर रखी हुई चीज उपलब्ध है। जिस दिन यह बक्सा नहीं रहेगा, उस दिन वह अंदर रखी हुई चीज भी नहीं मिलेगी। पर जबतक यह बक्सा है, इसके अंदर एक ऐसी चीज रखी हुई है, जो अनमोल है। चाहे किसी ने इस पर कुर्ता पहन रखा हो या किसी ने सूट पहन रखा हो, किसी ने टाई पहन रखी हो, किसी भी तरीके से इसको सजाया हुआ हो। इस बक्से के अंदर जो चीज रखी हुई है, मेरा मतलब उससे है।
आजतक तो लोग बक्से के बाहर क्या है, इस बारे में सोचते आये हैं। बक्सा कैसा होना चाहिए, लोगों ने इसके लिए रीति-रिवाज बनाये हैं। किस तरीके से इस बक्से को रखना चाहिए ? इन्हीं नियमों को बनाते-बनाते बड़े-बड़े देश बन गए; बड़े-बड़े धर्म बन गए; बड़े-बड़े कानून बन गए – इस बक्से के कारण। अगर यह बक्सा नहीं होता तो कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं होती, देशों की कोई जरूरत नहीं होती, इसको सजाने की कोई जरूरत नहीं होती, कोई अमीर नहीं होता और कोई गरीब नहीं होता।
बक्सा हैं आप और अनमोल चीज है आपके अंदर। अज्ञानता का ताला लगा हुआ है। ज्ञान की चाबी मेरे पास है। अगर किसी को चाहिए तो मैं उसे दे सकता हूँ। मैं बात कर रहा हूँ "शांति" की, मैं बात कर रहा हूँ "सच्ची खुशी" की। अगर मनुष्य को कुछ भी करना नहीं आता हो, तब भी वह अपने हृदय में उस सच्ची खुशी का अनुभव कर सके तो इतना ही पर्याप्त है! इसके बाद जब संतोष हो गया, जब हृदय में शांति का अनुभव मनुष्य ने कर लिया तो यह मनुष्य के लिए सबसे बड़ी चीज है।
सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा, "कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूँ, कैसी होती है?"
श्रीकृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्रीकृष्ण ने कहा, "अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा।"
एक दिन कृष्ण ने कहा– सुदामा ! आओ, गोमती में स्नान करने चलें। दोनों गोमती के तट पर गए। वस्त्र उतारे। दोनों नदी में उतरे। श्रीकृष्ण स्नान करके तट पर लौट आए। पीतांबर पहनने लगे।
सुदामा ने देखा कि कृष्ण तो तट पर चले गये है, मैं एक डुबकी और लगा लेता हूँ और जैसे ही सुदामा ने डुबकी लगाई सुदामा को लगा, गोमती में बाढ़ आ गई है, वह बहे जा रहे हैं। सुदामा जैसे-तैसे तक घाट के किनारे रुके। घाट पर चढ़े। घूमने लगे। घूमते-घूमते गांव के पास आए और वहाँ एक हथिनी ने उनके गले में फूल माला पहना दी। सुदामा हैरान...!
लोग इकट्ठे हो गए। लोगों ने कहा, "हमारे देश के राजा की मृत्यु हो गई है। हमारा नियम है, राजा की मृत्यु के बाद हथिनी, जिस भी व्यक्ति के गले में माला पहना दे, वही हमारा राजा होता है। हथिनी ने आपके गले में माला पहनाई है, इसलिए अब आप हमारे राजा हैं।"
सुदामा हैरान हुए कि क्या मैं राजा बन गया?
उनका एक राजकन्या के साथ उनका विवाह भी हो गया। दो पुत्र भी पैदा हो गए।
एक दिन सुदामा की पत्नी बीमार पड़ गई और आखिर में मर भी गई। सुदामा दुख से रोने लगे! उसकी पत्नी जो मर गई थी, जिन्हें वह बहुत चाहते थे! वह सुंदर थी, सुशील थी।
लोग इकट्ठे हो गए!उन्होंने सुदामा को कहा, आप रोएं नहीं, आप हमारे राजा हैं। लेकिन रानी जहाँ गई है, वहीं आपको भी जाना है, यह मायापुरी का नियम है। आपकी पत्नी को चिता में अग्नि दी जाएगी। आपको भी अपनी पत्नी की चिता में प्रवेश करना होगा। आपको भी अपनी पत्नी के साथ जाना होगा।
यह सुनकर तो सुदामा की सांस रुक गई; हाथ-पांव फूल गए और बडबडाने लगे कि अब मुझे भी मरना होगा! मेरी पत्नी की मौत हुई है, मेरी तो नहीं! भला मैं क्यों मरूँ? यह कैसा नियम है ?"
सुदामा अपनी पत्नी की मृत्यु के दुःख को भूल गये। उसका रोना भी बंद हो गया। अब वह स्वयं की चिंता में डूब गये और लोगों से कहने लगे कि "भई, मैं तो मायापुरी का वासी नहीं हूँ। मुझ पर आपकी नगरी का कानून लागू नहीं होता, मुझे क्यों जलना होगा ?
लोग नहीं माने और बोले कि "अपनी पत्नी के साथ आपको भी चिता में जलना होगा, मरना होगा, यह यहाँ का नियम है।"
आखिरकार सुदामा ने कहा, "अच्छा भई, चिता में जलने से पहले मुझे स्नान तो कर लेने दो!"
पहले तो लोग माने नहीं। फिर बात मान उन्होंने हथियारबंद लोगों की ड्यूटी लगा दी कि सुदामा को स्नान करने दो, देखना कहीं भाग न जाए।
रह-रह कर सुदामा रो उठते। सुदामा इतना डर गये कि उनके हाथ-पैर कांपने लगे, वह नदी में उतरे, डुबकी लगाई!
और फिर जैसे ही बाहर निकले उन्होंने देखा कि मायानगरी कहीं भी नहीं- किनारे पर तो कृष्ण अभी अपना पीतांबर ही पहन रहे थे और वह एक दुनिया घूम आये हैं। मौत के मुँह से बचकर निकले हैं।
सुदामा नदी से बाहर आये और सुदामा रोए जा रहे थे। श्रीकृष्ण हैरान हुए, सबकुछ जानते थे फिर भी अनजान बनते हुए पूछा, "सुदामा तुम रो क्यों रो रहे हो?"
सुदामा ने पूछा, "कृष्ण मैंने जो देखा है, वह सच था या यह जो मैं देख रहा हूँ?"
श्रीकृष्ण मुस्कराए और कहा, "जो देखा, भोगा वह सच नहीं था- भ्रम था, स्वप्न था, माया थी मेरी!
और जो तुम अब मुझे देख रहे हो यही सच है। मैं ही सच हूँ।
मेरे से भिन्न, जो भी है- वह मेरी माया ही है!
और जो मुझे ही सर्वत्र देखता है, महसूस करता है, उसे मेरी माया स्पर्श नहीं करती।
माया स्वयं का विस्मरण है; माया अज्ञान है, माया परमात्मा से भिन्न, माया नर्तकी है - वह नाचती है और नचाती भी है।"
जो प्रभु से जुड़ा है- वह नाचता नहीं, भ्रमित नहीं होता। माया से निर्लेप रहता है। वह जान जाता है!
जैसे सुदामा भी जान गये थे कि वह श्रीकृष्ण से अलग कैसे रह सकता है।
वैसे ही एक सच्चे गुरु भक्त को भी मानना ही नहीं, जानना भी है - अपने सदगुरु के साकार और निराकार स्वरूप को!
माया नगरी में ना फंसकर अविनाशी के साथ अपना सम्बन्ध बनाना है जो - जिन्दगी के साथ भी है और जिन्दगी के बाद भी रहेगा!
🙏🙏🌸🌸🙏🙏
खुद ही स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि साइकिल बस आदि से भेजने की रीत नहीं थी, स्कूल भेजने के बाद कुछ अच्छा बुरा होगा ऐसा हमारे मां-बाप कभी सोचते भी नहीं थे... उनको किसी बात का डर भी नहीं होता था,
🤪 पास/नापास यही हमको मालूम था... % से हमारा कभी संबंध ही नहीं था...
😛 ट्यूशन लगाई है ऐसा बताने में भी शर्म आती थी क्योंकि हमको ढपोर शंख समझा जा सकता था...
🤣🤣🤣
किताबों में पीपल के पत्ते, विद्या के पत्ते, मोर पंख रखकर हम होशियार हो सकते हैं ऐसी हमारी धारणाएं थी...
☺️☺️ कपड़े की थैली में...बस्तों में..और बाद में एल्यूमीनियम की पेटियों में...किताब कॉपियां बेहतरीन तरीके से जमा कर रखने में हमें महारत हासिल थी.. ..
😁 हर साल जब नई क्लास का बस्ता जमाते थे उसके पहले किताब कापी के ऊपर रद्दी पेपर की जिल्द चढ़ाते थे और यह काम...एक वार्षिक उत्सव या त्योहार की तरह होता था.....
🤗 साल खत्म होने के बाद किताबें बेचना और अगले साल की पुरानी किताबें खरीदने में हमें किसी प्रकार की शर्म नहीं होती थी..क्योंकि तब हर साल न किताब बदलती थी और न ही पाठ्यक्रम...
🤪 हमारे माताजी पिताजी को हमारी पढ़ाई का बोझ है..ऐसा कभी लगा ही नहीं....
😞 किसी दोस्त के साइकिल के अगले डंडे पर और दूसरे दोस्त को पीछे कैरियर पर बिठाकर गली-गली में घूमना हमारी दिनचर्या थी....इस तरह हम ना जाने कितना घूमे होंगे....
🥸😎 स्कूल में सर के हाथ से मार खाना, पैर के अंगूठे पकड़ कर खड़े रहना, और कान लाल होने तक मरोड़े जाते वक्त हमारा ईगो कभी आड़े नहीं आता था.... सही बोले तो ईगो क्या होता है यह हमें मालूम ही नहीं था...
🧐😝घर और स्कूल में मार खाना भी हमारे दैनंदिन जीवन की एक सामान्य प्रक्रिया थी.....
मारने वाला और मार खाने वाला दोनों ही खुश रहते थे... मार खाने वाला इसलिए क्योंकि कल से आज कम पिटे हैं और मारने वाला है इसलिए कि आज फिर हाथ धो लिए😀......
😜बिना चप्पल जूते के और किसी भी गेंद के साथ लकड़ी के पटियों से कहीं पर भी नंगे पैर क्रिकेट खेलने में क्या सुख था वह हमको ही पता है...
😁 हमने पॉकेट मनी कभी भी मांगी ही नहीं और पिताजी ने भी दी नहीं.....इसलिए हमारी आवश्यकता भी छोटी छोटी सी ही थीं....साल में कभी-कभार एक हाथ बार सेव मिक्सचर मुरमुरे का भेल खा लिया तो बहुत होता था......उसमें भी हम बहुत खुश हो लेते थे.....
छोटी मोटी जरूरतें तो घर में ही कोई भी पूरी कर देता था क्योंकि परिवार संयुक्त होते थे ..
दिवाली में लोंगी पटाखों की लड़ को छुट्टा करके एक एक पटाखा फोड़ते रहने में हमको कभी अपमान नहीं लगा...
😁 हम....हमारे मां बाप को कभी बता ही नहीं पाए कि हम आपको कितना प्रेम करते हैं क्योंकि हमको आई लव यू कहना ही नहीं आता था...
😌आज हम दुनिया के असंख्य धक्के और टाॅन्ट खाते हुए......और संघर्ष करती हुई दुनिया का एक हिस्सा है..किसी को जो चाहिए था वह मिला और किसी को कुछ मिला कि नहीं..क्या पता..
स्कूल की डबल ट्रिपल सीट पर घूमने वाले हम और स्कूल के बाहर उस हाफ पेंट मैं रहकर गोली टाॅफी बेचने वाले की दुकान पर दोस्तों द्वारा खिलाए पिलाए जाने की कृपा हमें याद है.....वह दोस्त कहां खो गए वह बेर वाली कहां खो गई....वह चूरन बेचने वाली कहां खो गई...पता नहीं..
😇 हम दुनिया में कहीं भी रहे पर यह सत्य है कि हम वास्तविक दुनिया में बड़े हुए हैं हमारा वास्तविकता से सामना वास्तव में ही हुआ है...
🙃 कपड़ों में सिलवटें ना पड़ने देना और रिश्तों में औपचारिकता का पालन करना हमें जमा ही नहीं......सुबह का खाना और रात का खाना इसके सिवा टिफिन क्या था हमें मालूम ही नहीं...हम अपने नसीब को दोष नहीं देते....जो जी रहे हैं वह आनंद से जी रहे हैं और यही सोचते हैं....और यही सोच हमें जीने में मदत कर रही है.. जो जीवन हमने जिया...उसकी वर्तमान से तुलना हो ही नहीं सकती ,,,,,,,,
😌 हम अच्छे थे या बुरे थे नहीं मालूम पर हमारा भी एक जमाना था
वैसे तो स्वस्थ रहने लिए कब खाए कैसे खाए ये बताने के लिए टीवी पेपर वाले तैयार रहते है लेकीन कब पीए कैसे पीए कोई नही बताता ।*
😳😳😳😳😳
चुंकी आप हमारे मित्र है इसलिए चलिए हम ही बता दें :-----
😊😊😊😊😊
शराब पीने का तरीका...👌👌👌
🥃शौक बड़ी चीज है और शौक को बेहतर तरीके से किया जाये तो ही सबसे अच्छा है, क्योंकि अच्छे से जियेंगे तभी तो पियेंगे।👍🏻
तो आइये जानते हैं कि, 🥃 शौक कैसे फरमाएं ?
😜😜😜😜
1) पीने से पहले कुछ खा लेना चाहिए। भूलकर भी खाली पेट ना पियें।
😳😳
2) ब्रान्ड का ध्यान जरूर रखें।
जैसे - 100 Piper"s, Chivas Regal या बजट के हिसाब से Blenders Pride, Royal Stag बस, इससे नीचे ना जाएं।
😳
3) पानी ही सबसे बढ़िया है, सोडा या कोल्ड ड्रिंक को दूर ही रखें, wine और soda लीवर को परेशान कर सकते हैं।
😳😳😳😳
4) अगर आप 30ml का peg 🥃बनाते हैं तो 50 या 60ml तक पानी डालें। ज्यादा पानी से taste कड़वा हो जाएगा, साथ में यूरिन के साथ बॉडी से ज्यादा मात्रा में पानी बाहर निकल जायेगा जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
😳😳😳😳😳
5) पीते समय light music सुनें। जैसे - मेहंदी हसन साहब, गुलाम अली, जगजीत की ग़ज़लें या जो भी आप पसंद करते हैं।
😛😛😛
अगर शादी या पार्टी में हैं तो बात अलग है। वैसे शादी मे नागिन डांस सबसे अच्छा माना गया है ।
😜😜😜😜😜
6) 🥃के साथ चखने में खट्टी चीजें कभी ना लें क्योंकि wine एसिडिक nature की होती है और खट्टी चीजें बॉडी में एसिड को बढ़ा देती हैं।
आप 🥒खीरा ले सकते हैं,हल्के मसाले में भुना चिकन 🍗ले सकते हैं, पनीर , काजू आदि।
भूलकर भी दही, रायता ना लें क्योंकि ये भी एसिड को बढ़ाते है
😊😊😊😊
7) आराम से पिएं, प्यार से 🥃पेग बनाएं। जो भी आप discuss कर रहे हैं उसका स्तर बनाएं रखें।
😛😛
8) पीने के अगले दिन आप आधा नींबू, आधा चम्मच शहद पानी में डालकर🍹पी लें। यह शरबत आपके बॉडी के सारे टॉक्सिन बाहर निकाल देगा।👍🏻
9) maximum 4 पेग🥃 पी सकते हैं, ज्यादा मात्रा में ना लें।
😛😛😜
दोस्तों अपना ध्यान रखें क्योंकि अच्छी health रहेगी तभी लम्बा जियोगे औऱ पियोगे...पीते रहोगे।🍺🥃🍷
😜😜😜😜
(शौक फरमाते हैं तो यह msg आपके लिए है अगर नहीं फरमाते हैं तो फॉरवर्ड कर दें उन्हें जो शौक 🥃 रखते हैं)
😛😜😛😜
नोट:- मै बैठूंगा जरूर महफ़िल में, पर पीऊंगा नही....!
मेरा ग़म मिटा दे, इतना शराब में दम नही....!!
ऐसा बोलने वालों से सावधान .......
ये लोग सारा पनीर और सलाद खा जाते हैं ....!!
आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार आइंस्टीन से कहा--"सर, मैंने हर बैठक में आपके द्वारा दिए गए हर भाषण को याद किया है।"
आइंस्टीन हैरान !!!
उन्होंने कहा- "ठीक है, अगले आयोजक मुझे नहीं जानते।आप मेरे स्थान पर वहां बोलिए और मैं ड्राइवर बनूंगा।
ऐसा ही हुआ, बैठक में अगले दिन ड्राइवर मंच पर चढ़ गया।और भाषण देने लगा...
उपस्थित विद्वानों ने जोर-शोर से तालियां बजाईं।
उस समय एक प्रोफेसर ने ड्राइवर से पूछा - "सर, क्या आप उस सापेक्षता की परिभाषा को फिर से समझा सकते हैं ?"
असली आइंस्टीन ने देखा बड़ा खतरा !!!
इस बार वाहन चालक पकड़ा जाएगा। लेकिन ड्राइवर का जवाब सुनकर वे हैरान रह गए...
ड्राइवर ने जवाब दिया- "क्या यह आसान बात आपके दिमाग में नहीं आई ?
मेरे ड्राइवर से पूछिए,---वह आपको समझाएगा ।" 😎
नोट : "यदि आप बुद्धिमान लोगों के साथ चलते हैं, तो आप भी बुद्धिमान बनेंगे और मूर्खों के साथ ही सदा उठेंगे-बैठेंगे तो आपका मानसिक तथा बुद्धिमता का स्तर और सोच भी उन्हीं की भांति हो जाएगी..!!!"
🙏😄
मैं अपनी दुकान पर उस शराबी के खरीदे सामान के दाम को अपने कैलकुलेटर पर जोड़ ही रहा था कि उसने लड़खड़ाते जुबान से बोला....
सात सौ सैंतीस रुपये....
मुझे आश्चर्य हुआ 🤔
वो आधे होश में था और उसके लिए हुए छोटे मोटे सामान की संख्या लगभग पंद्रह थी उसके लिस्ट के आगे मैंने खुद से दाम जरूर जोड़ रखे थे जिससे मुझे कैलक्यूलेटर में जोड़ने में आसानी हो....
पर सिर्फ दो मिनट मे उसने ये कैसे बिना केल्कुलेटर के अपने दिमाग मे सब संख्या जोडें कह दिया ...🤔
उस पर वो एक शराबी.....
मुझे हँसी आ गई मैंने एकबार फिर से दाम जोड़ कर देखा तो सात सौ सैंतीस ही निकला...
इस आश्चर्य से निकलता की एक लगभग पच्चीस साल की बेहद आधुनिक लड़की आई
और उस फटेहाल और बेतरतीब शराबी को गौर से देखने लगी ...
इस बात में भी मुझे आश्चर्य ही लगा कि उसमें ऐसी देखने वाली कौन सी बात है
वो शराबी बिना उसकी तरफ देखे बढ़ने ही वाला था कि....
आप....आप मैथ्स वाले विष्णु वर्मा सर हैं ना....
हाँ.. मगर तुम कौन हो...
उस लड़की ने झुक कर उस शराबी के पैर छू लिए
"मैं राधिका हूँ सर..यही पास के झुगी में रहती थी और आपके ट्यूशन में पढ़ा करती थी। आपने मेरी ज़िंदगी बदल दी...
लेकिन आपने खुद का ये क्या हाल बना रखा है सर.. कितने दुबले हो गए हैं आप.. ..
पहचान में ही नहीं आ रहे है...
वो अब उससे नज़रे चुरा रहा था और हाथों में लिए शराब की बोतल भी...
वो बिना कुछ बोले जाने लगा
लड़की ने उसका हाथ पकड़ लिया।
"मैम कुछ नहीं कहती...और सौरभ कहा है...
उस शराबी की आँखों में आँसू उतर आएं...
"वो दोंनो नही रहे..अपनी आँखों के सामने दम तोड़ते देखा है उन्हें, उस एक्सीडेंट का मंजर मेरी आँखों से जाता नही...
नशे से हुई उन लाल आँखों मे मुझे एक पिता और एक पति का दर्द बहता नज़र आया 💔
लड़की ने उसे वही मेरे दुकान के आगे रखे बेंच पर बिठा लिया।
"आपको इस हाल में देख क्या वो खुश होंगे सर....💔
जानती हूँ उनकी जगह कोई नहीं ले सकता पर क्या मैं आपकी बेटी जैसी नही...
उस शराबी ने उस लड़की का हाथ झटक दिया।
"नहीं.. इस दुनिया में अब मेरा कोई अपना नही....
और शराब के बॉटल का ढक्कन खोलने लगा इससे पहले की मैं उसे अपने दुकान के सामने पीने से रोकता...
"जा रही हूँ सर...
पर बहुत रो रहे होंगे वो दोनों आपको देख कर...
वो सिर्फ उस दिन नहीं बल्की रोज आपको इस हाल में देख मरते होंगे काश....की आप पहले की तरह मुझ जैसे बच्चों की ज़िंदगी में खुशियां लाते तो आपको उन बच्चों में आपका सौरभ और उनकी सफलताओं में आपकी पत्नी दिखती....
लड़की मुश्किल से कुछ ही कदम गई थी कि....
"राधिका..तुम बेटी जैसी नहीं ..बेटी ही हो...
वो लड़की मुस्कुराते हुए वापस आ रही थी और वो अपने हाथों में लिए शराब को वहीं जमीन पर उड़ेल रहा था...
मैंने रोका नहीं.. बह जाने दिया उस बुराई को और खुद के आँसू को भी.....😢
दोस्तों
जिदंगी मे कभी कभी हमें ऐसे लोगों से भी हमदर्दी करनी चाहिए, मदद करनी चाहिए जोकि वक्त की मार के मारे है
दोस्तों
इन्हें बस एक साथ की जरूरत होती है वो जादुई शब्द की
मै हूं ना
दोस्तों ये वो जादुई शब्द है जो सांसो को संजीवनी दे देते है आशा है आप मेरी इस छोटी सी मगर दिल को छू लेने वाली बात का मतलब समझ गए होंगे...!!!!
एक दिन एक बहुत बड़े कजूंस सेठ के घर में कोई मेहमान आया!!
कजूंस ने अपने बेटे से कहा,
आधा किलो बेहतरीन मिठाई ले आओ। बेटा बाहर गया और कई घंटों बाद वापस आया।
😊😊
कंजूस ने पूछा मिठाई कहाँ है।
बेटे ने कहना शुरू किया-" अरे पिताजी, मैं मिठाई की दुकान पर गया और हलवाई से बोला कि सबसे अच्छी मिठाई दे दो। हलवाई ने कहा कि ऐसी मिठाई दूंगा बिल्कुल मक्खन जैसी।
फिर मैंने सोचा कि क्यों न मक्खन ही ले लूं। मैं मक्खन लेने दुकान गया और बोला कि सबसे बढ़िया मक्खन दो। दुकान वाला बोला कि ऐसा मक्खन दूंगा बिल्कुल शहद जैसा।
मैने सोचा क्यों न शहद ही ले लूं। मै फिर गया शहद वाले के पास और उससे कहा कि सबसे मस्त वाला शहद चाहिए। वो बोला ऐसा शहद दूंगा बिल्कुल पानी जैसा साफ।
तो पिताजी फिर मैंने सोचा कि पानी तो अपने घर पर ही है और मैं चला आया खाली हाथ।
कंजूस बहुत खुश हुआ और अपने बेटे को शाबासी दी। लेकिन तभी उसके मन में कुछ शंका उत्पन्न हुई।
"लेकिन बेटे तू इतनी देर घूम कर आया। चप्पल तो घिस गयी होंगी।"
"पिताजी ये तो उस मेहमान की चप्पल हैं जो घर पर आया है।"
बाप की आंखों मे खुशी के आंसू आ गए ।
🤣🤣🤣😝😝😝😁😄😀🤣😆😆😃😃😆😆😅😅😅😅
एक इंटरव्यू चल रहा था...
नौकरी पहले ही बॉस के साले के लिये फिक्स हो चुकी थी, लेकिन दिखावे के लिये इंटरव्यू तो लेना ही था !!!
इसलिये सबसे एक ऐसा सवाल पूछा जा रहा था, जिनका कोई जवाब संभव ही नहीं था...
एक के बाद एक केंडीडेट आ रहे थे, जा रहे थे...फिर "मियां मसलुद्दीन" की बारी आयी...
इंटरव्यू लेने वाला -- आप नदी के बीच एक बोट पर हैं और आपके पास दो सिगरेट के अलावा कुछ भी नही है...आपको उसमें से एक सिगरेट जलानी है... कैसे जलाओगे ???
मसलुद्दीन भाई बड़ा ही सीरियसली सोचने के बाद बोला My dear हजरात !!!
इसके तीन चार सोल्युशन हो सकते हैं...
इंटरव्यू लेने वाले को बहुत आश्चर्य हुआ कि जिस सवाल का एक भी जवाब नहीं हो सकता, उसके तीन-चार जवाब कहां से आ गये...
उसने उतावला होकर बोला बताओ...
मसलुद्दीन भाई का पहला जवाब ...एक सिगरेट पानी में फेंक दो, then boat will become lighter(हल्की),
और "lighter" से आप सिगरेट जला सकते हैं...
इंटरव्यू लेने वाला Shocked !!!
अब अपने चतुर मसलुद्दीन भाई का दूसरा खतरनाक जवाब --
या फिर आप किसी एक सिगरेट को ऊपर उछाल दो और फिर उसे Catch करो...
वो कहावत तो सुनी ही होगी कि Catches win the Matches (सलाई)...
अब ये जो सलाई आपने जीता, उससे दूसरा सिगरेट आप आसानी से जला सकते हो...
इंटरव्यू लेने वाला बेहोश होते-होते बचा...
तभी मसलुद्दीन भाई ने उनकी तंद्रा तोड़ते हुए कहा -- ओ मेरे मोहतरम, अभी तो एक निहायत ही रोमांटिक जरिया और है...
अपनी हथेली में थोड़ा पानी लीजिए और उसे बूँद-बूँद जमीन पर गिराइए...गौर करिएगा मोहतरम इन बूँदों के गिरने की आवाज पर...
टिप टिप टिप टिप !!!
इंटरव्यू लेने वाला भारी टेंशन में बोला -- उससे क्या होगा मसलुद्दीन साब ???
मसलुद्दीन भाई बोले -- मोहतरम,
आपने वो गाना नही सुना है क्या ???
"टिप-टिप बरसा पानी, पानी ने आग लगाई"...
अब इस आग से आप अपनी सिगरेट जलाइए या अपना घर, I don"t care...
और हाँ मोहतरम, यदि ये सब नुस्खे भी नाकाफी हैं तो अभी भी मेरे पास एक और हकीम लुकमानी फर्मूला है, वह भी सुन ही लीजिए --
ऐसा है कि आप एक सिगरेट से प्यार करने लगिए, दूसरी अपने आप जलने लगेगी...
इंटरव्यू लेने वाला बाबला और बेजार हो गया...उसने चिल्ला कर स्टेनों को बोला -- अबे बाॅस के साले को मारो गोली !!!
नौकरी तो अपने Respected मसलुद्दीन साब को ही मिलेगी, बना Appointment Letter...
विवाह की बात हमेशा हिंदी में ही करना चाहिए...!!!
अंग्रेजी से जरा बच के रहे...!👇
1) लड़की वाले : बेटा क्या करते हो .???
😳लड़का : I am "Timber Merchant at Connaught Place Delhi Panchkuia Road "
लड़की वाले: बेटा वाह!
शादी के बाद पता चला वो
😭 *लड़का दातून बेचता है.!!!
ससुर जी कोमा में चले गए .!!!!
2) लड़की वाले : बेटा क्या करते हो...???
😲लड़का : I am "" Air diffusion fix and monitoring scientist ""
लड़की वाले : बेटा वाह !
शादी के बाद पता चला वो
😂 *लड़का पंचर बनाता है.!!!*
ससुर जी तीसरी मंजिल से 3 बार कूदने की कोशिश कर चुके हैं...!!!
😜😜🤗🤗
3) लड़की वाले : बेटा क्या करते हो...???
😲 लड़का I am ""chif executive in cleen india initiative and permanent member of स्वच्छ भारत अभियान...!!! ""
लड़की वाले : बेटा वाह !
शादी के बाद पता चला
😂 *लड़का इधर ही दो गली छोड़ के स्वीपर का काम करता है...!!!*
ससुर जी को आगरा ले जाने का प्रबंध किया गया है...!!!
😜😜🤗🤗
4) लड़की वाले : बेटा क्या करते हो...???
😲 लड़का : I run a ""start up product line includes organic mouth refreshner ""
लड़की वाले : बेटा वाह !
शादी के बाद पता चला 😂 *नुक्कड़ पे पान की दुकान है ...!!*
ससुरजी के प्राण पखेरू उड़ते उड़ते बचे...!!!
😜😜🤗🤗
5) लड़की वाले : बेटा क्या करते हो...???
😲 लड़का : l am ""Metallurgical amalgamation engineer""
😊शादी के बाद पता चला 😂*लड़का वेल्डर है..!!!*
ससुर जी चारों खाने चित्त हो गए...!!!
😜😜🤗🤗
लड़की वाले : बेटा क्या करते हो...???
😲लड़का : l am "" senior security and house keeping officer""
लड़की वाले : बेटा वाह !
😊शादी के बाद पता चला 😅 लड़का बिल्डिंग का चौकीदार है..!!!
ससुर जी गिर पड़े, फिर उठे नहीं...!!!
😜😜🤗🤗
हिन्दी राष्ट्र भाषा का उपयोग सही है ।
👍👍👍
कभी कभी मुस्कुरा भी लिया करो
🤣🤣🤣🤣😜 #हंसो हंसाओ #😆 हंसते रहो #
टीचर
ऑनलाइन क्लास के बाद :- कोई डाउट हो तो पूछ लो......??
.
.
.
.
.
बच्चा :-
जो कंधे पर पोंछा रखकर बीच में चाय देने आए थे,
वो आपके पति हैं क्या...??
😟⭕😷
कल दिन में एक नए नंबर से कॉल आई 😉
फोन उठाया और कहा:- जी, कहिए
दूसरी तरफ से कोई औरत थी,बोली:- जी के बच्चे,
सुबह नाश्ते किए बगैर क्यों चले गए ऑफिस❓ 😎
कितनी बार कहा रात की लड़ाई को सुबह भूल
जाया करो लेकिन तुम्हें समझ नहीं आती😎
आज तुम आओ तो घर.....ठीक से तुम्हारी तबीयत
साफ करती हूं,अगर तुम्हारे बच्चों का ख्याल तो तुम्हें कब की दुर दफा कर चुकी होती😎
वह औरत अनाप-शनाप बोले जा रही थी और मैं,
हक्का बक्का सोच रहा था कि यह कौन मासूम
औरत है❓जो मुझे अपना पति समझ कर मेरी क्लास ले रही है🥱
इधर तो मंगनी का भी दूर दूर तक कोई सीन नजर नहीं आता.... 😀
वोह जरा रुकी तो मैंने कहा:- श्रीमती जी,आपने शायद
गलत नंबर पर क्लास ले ली है लेकिन मैं आपका बहुत
आभारी हूं🙏 दो मिनट ही सही लेकिन मुझे
शादीशुदा वाली फीलिंग आ गई आपकी कलास से😀
वो बोली:-
मैं भी कोई शादी शुदा नहीं हूं😀बस अभी ही मेरी शादी तय हुई है तो मेरी भाभी ने कहा की तू कोई भी नम्बर डायल कर दिया कर और उधर से मर्द की
आवाज सुनकर क्लास ले लिया कर😀
प्रेक्टिस भी बनी रहेगी और दिल को तसल्ली सी हो जायेगी😀😀😀
पिन ड्राप साइलेंस इन थे कोर्ट: सलमान: सिर्फ एक बार सुनो तो सही? जज: एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी … उसके बाद तो मैं खुद की भी नहीं सुनता! सलमान: सर में बेगुनाह हूं जज: ये तुम्ही कहते थे ना, शराब और खून मैं अपनी मर्ज़ी से पीता हूँ … दबाके! सलमान: सर…
अगर बॉलीवुड स्टार्स क्रिकेट में होते तो मैदान पर माहौल कुछ ऐसा होता:- अमिताभ:- हम जहां खड़े होते हैं, ‘क्रीज’ वहीं से शुरू होती है! शशि कपूर:- भाई तुम कैच देते हो या नहीं! अमिताभ:- जाओ पहले उनसे कैच मांगकर आओ, जिन्होंने मेरे एक ओवर में 6 छक्के मारे थे! गब्बर:- कितनी गेंदें थीं? कालिया:-…
जीना "सरल" है...!!"*प्यार करना "सरल" है...!!"*हारना और जीतना भी "सरल" है...!!"*तो फिर " कठिन " क्या है...?*जी हाँ
" सरल" होना ही बहुत "कठिन" है...
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🙏 राधे राधे 🙏