एक आदमी के विरुद्ध मर्डर का केस फाइल हुआ । जिसके विरुद्ध विवेक को वकील को बनाया मुकदमे के दौरान ही उसकी मौत हो गई इसके बाद उसके पुत्र ने मुकदमा चलाया ।10 साल बाद मुकदमा प्रतिवादी के पछ में करते हुए उसे बाइज्ज़त बरी कर दिया ।
वकील ने फैसला देते हुए कुछ कहा जिसके बाद वह vakil बेहोश हो गया ।
ऐसा कया हुआ कि बाइज्ज़त बरक होने के बाद भी वह बेहोश हो गया