भजन न गुरु से होता है और न ईश्वर से ही होता है, प्रत्युत हमारी सच्ची लगन से होता है। खुद की लगन के बिना भगवान् भी कल्याण नहीं कर सकते। अगर कर देते तो हम आज तक भक्ति से वंचित क्यों रहते ?
न तो गुरु का अभाव है, न सन्त महात्माओं का अभाव है और न भगवान् का ही अभाव है। अभाव हमारी लगन का है। भजन न गुरु के अधीन है, न सन्त महात्माओं के अधीन है और न भगवान् के अधीन है। यह तो स्वयं के ही अधीन हैं।
जब हमारी लगन के बिना सर्वशक्तिमान् भगवान् भी हमारा कल्याण नहीं कर सकते तो फिर मनुष्य में कितनी शक्ति है कि हमारा कल्याण कर दे ? हमारी लगन नहीं होगी तो लाखों करोड़ों गुरु बना लें तो भी भक्ति नहीं होगा।
🌿🦚🌺♻️🤝🌲🤝♻️🌺🦚🌿